
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोज़गार देने का वादा पूरा कर दिया है। अब सरकार ने अगले पांच सालों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का नया लक्ष्य तय किया है।
एक्स पर किया एलान: “बिहार को बनाएंगे रोजगार का हब”
सीएम नीतीश कुमार ने X (Twitter) पर पोस्ट कर कहा:
“हमने 50 लाख रोज़गार देने का वादा पूरा किया। अब 1 करोड़ का लक्ष्य तय है। इसके लिए इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।”
उद्योग लगाने वालों को मिलेगी स्पेशल ट्रीटमेंट
बिहार सरकार ने उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को विशेष आर्थिक पैकेज देने का एलान किया है। इनमें शामिल हैं:
डबल इंसेंटिव स्कीम:
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कैपिटल सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और GST इंसेंटिव को डबल किया जाएगा।
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सभी जिलों में इंडस्ट्रियल ज़ोन विकसित किए जाएंगे।
मुफ़्त ज़मीन का प्रावधान:
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जो उद्यमी अधिक रोजगार देंगे, उन्हें ज़मीन मुफ्त में दी जाएगी।

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भूमि आवंटन से जुड़े सभी विवाद शीघ्र सुलझाए जाएंगे।
6 महीने में लागू होंगी योजनाएं:
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अगले 6 महीनों में ये सभी रियायतें लागू होंगी।
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साथ ही उद्योग लगाने वालों को एक्स्ट्रा सुविधाएं और प्रशासनिक सहयोग भी दिया जाएगा।
यह कदम क्यों अहम है?
बिहार लंबे समय से बेरोज़गारी और औद्योगिक पिछड़ेपन से जूझता रहा है। नीतीश सरकार की ये नई योजनाएं बेरोज़गारी दर को घटाने और स्थानीय स्तर पर रोज़गार सृजन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
बिहार में अगर सरकार का ये वादा सही मायनों में ज़मीन पर उतरता है, तो ये ना सिर्फ़ युवाओं के लिए अवसरों के द्वार खोलेगा, बल्कि बिहार की छवि को भी इंडस्ट्रियल फ्रेंडली स्टेट के रूप में बदल सकता है।
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